HSRP क्या है?
हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट एक एल्यूमीनियम निर्मित नंबर प्लेट होती है, जो वाहन के फ्रंट और रियर में लगाई जाती है। एचएसआरपी के ऊपरी बाएं कोने पर एक नीले रंग का क्रोमियम-आधारित अशोक चक्र का होलोग्राम होता है। इसके निचले बाएं कोने पर एक यूनिक लेजर-ब्रांडेड 10-अंकीय स्थायी पहचान संख्या (पिन) दिया जाता है।
इसके अलावा, पंजीकरण संख्या के अंकों और अक्षरों पर एक हॉट-स्टैंप फिल्म लगाई जाती है और उसके साथ नीले रंग में 'IND' लिखा होता है।खास बात ये है कि एचएसआरपी वाहन के डिजिटल पंजीकरण के बाद ही जारी किया जाता है और ये वाहन से जुड़ा होता है। इस प्रकार, प्लेटों का उपयोग एक अलग कार पर नहीं किया जा सकता है और उन्हें चोरी और इन प्लेटों के किसी अन्य प्रकार के दुरुपयोग को रोकने के रूप में कार्य करने के लिए डिजाइन किया जाता है।
HSRP क्यों हैं जरूरी?
अप्रैल 2019 से पहले उपलब्ध नंबर प्लेटों के साथ छेड़छाड़ करना आसान था और उन्हें आसानी से हटाया और बदला जा सकता था। इसके चलते वाहन चोरी की घटनाओं में भी काफी वृद्धि हुई। अक्सर देखने को मिलता था कि चोरी करने के बाद चोर लगाए गए पंजीकरण नंबरों को बदल देते थे, जिससे अधिकारियों के लिए वाहन को ट्रैक करना लगभग असंभव हो जाता है। एचएसआरपी नंबर प्लेट आने के बाद कार की चोरी के मामले कम हुए हैं क्योंकि ये केवल एक बार ही प्रयोग की जा सकती हैं और वाहन में लगने के बाद खुलती नहीं हैं, बल्कि इनके हिंज को काटना पड़ता है।
वहीं, दूसरी ओर HSRP के आ जाने से ट्रैफिक पुलिस का भी काम काफी आसान हो गया है। इस नंबर प्लेट के आने के बाद ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहनों को पकड़ना और उनका चालान करना काफी आसान हो गया है। एचएसआरपी के साथ, पंजीकरण प्लेटों में एकीकृत फॉन्ट और स्टाइल होती है, जिससे उन्हें बेहतर ढंग से समझा जा सकता है।
HSRP कैसे बनवाएं?